फिर कोई मिला नहीं
कुछ यूं दिन चढ़ा कि फिर ढला नहीं
तेरे जैसा फिर कोई मिला नहीं
आया जो जन्म का वो खूबसूरत दिन
शुभकामनाओं का सिलसिला फिर रुका नहीं।
कुछ यूं दिन चढ़ा कि फिर ढला नहीं
तेरे जैसा फिर कोई मिला नहीं
आया जो जन्म का वो खूबसूरत दिन
शुभकामनाओं का सिलसिला फिर रुका नहीं।
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