एक बात कहूं....!
एक बात कहूं....!
आज बड़े दिनों के बाद खिला चांद है
रौशनी से उसके बनी हसीं ये रात है
इतने गौर से तुमने मुझे सुना
एक बात कहूं मेरे लिए यही बहुत है
एक बात कहूं....!
आज बड़े दिनों के बाद खिला चांद है
रौशनी से उसके बनी हसीं ये रात है
इतने गौर से तुमने मुझे सुना
एक बात कहूं मेरे लिए यही बहुत है
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