चाहत और मोहब्बत
चाहत और मोहब्बत
चाहत और मोहब्बत में बस इतना सा फ़र्क ये होता है कि किसी से मिल कर उससे बातें कर के उसकी हरकतों से बातों से या किसी भी चीज़ से हमें चाहत हो जाती है लेकिन मोहब्बत ये तो सिर्फ़ एक एहसास होता है जो कभी भी किसी के भी दिल में ये एहसास जाग सकता है।
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