वक्त

                                 वक्त


अगर लाख कोशिशों के बाद भी रिश्ता सही नहीं हो रहा है तो उसे ठीक करने की कोशिश न करें बल्कि उसे वक्त दें। क्योंकि कभी कभी कोई ज़ख्म मरहम से नहीं बल्कि वक्त से ही भरते हैं।

कोई भी नया रिश्ता एक नन्हें पौधे की तरह होती है उसे हमेशा प्यार से ही सींचा जाता है अगर उस पर सख्ती करेंगे तो वो पौधा मर जाएगा या फल देने के काबिल नहीं रहेगा।

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