घाव गहरा होना

                          घाव गहरा होना


जब हम किसी से मिलते हैं बातें करने लगते हैं और फिर हमारी अच्छी खासी दोस्ती हो जाती है। आप उससे अपनी हर प्रॉब्लम्स शेयर करने लगते अपनी सारी फीलिंग्स शेयर करने लगते आपको उसकी पूरी तरह से लत सी लग जाती है। इसके बाद जब सामने से वो कहे कि इस दोस्ती से वो आगे बढ़ चुका है और उसे आपसे प्यार हो गया है तो थोड़े समय के बाद आपको भी उनसे प्यार हो ही जाता है।

लेकिन जैसे जैसे ये नया रिश्ता आगे बढ़ने लगता है दोनों कहीं न कहीं एक दूसरे के लिए पोजेसिव होने लगते हैं और इसी वजह से पहले की तरह अब बातें शेयर होना बंद होने लगती है।

एक दूसरे से बातें छुपाने लगते हैं कि कहीं ये रिश्ता टूट न जाए वो आपसे कहीं रूठ न जाए। 

जहां दोस्ती में ये सेटिस्फेक्शन होती है कि ये तो कभी छोड़ कर नहीं जा सकती या जा सकता लेकिन वहीं रिश्ते के बदल जाने से ये डर हमेशा बना रहता है कि कहीं वो आपको छोड़ न दे और आप इस रिश्ते को बचाने के चक्कर में कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिससे की पहले वाली वो बात नहीं रह जाती है।

जिसके वजह से ये दोस्ती चाहत में बदली थी और एक दिन ये रिश्ता टूट भी जाता है लेकिन सिर्फ़ ये रिलेशनशिप ही नहीं टूटता बल्कि आप दोनों की सालों की दोस्ती भी टूट जाती है और आगे चल कर ये गहरा घाव बन जाता है क्योंकि आप उनसे बात नहीं कर सकते अपनी बातें अपनी तकलीफ़ अपनी खुशी का इज़हार अब आप उससे नहीं कर सकते जिसके बिना आप एक पल के लिए भी नहीं रह सकते थे।

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